Richa’s Blog

July 2017

A Journey That Changed My Life!

Every year this day floods my heart and mind with memories….of good and bad….of ups and downs..of happiness and pain..of hurts and pleasures…of friends and enemies… 16 years back, in 2001 I stepped into this big city called Delhi. In the car we had carried a mattress, a gas cylinder, some basic utility stuff and my 8 month old daughter. No one by my side, even with moral support except my husband and my mother. And then began a long and...

January 2015

Hawa Hawaai – A MUST watch film…

“चूल्हे के अंगारे जैसे पहले तड़पाते हाथों को.. तब नसीब रोटी होती है जीवन सार यही है मनवा तू कर, मत डर… अंगारों पे चलना है सही… यही जीवन ज्योति है” महानगरों में रहने वाले, पिज़्ज़ा बर्गर के मज़े लेने वाले, एयर कंडीशन्ड घरों में रहने वाले बच्चों को कहां पता कि अंगारे चीज़ क्या होती है। उनके लिए तो जैसे life is a bed of roses. 2D, 3D, 7D, सुपरमैन, स्पाइडरमैन, गॉ़डज़िला, और इन जैसी फिल्में देखने वाले, झूलों के बजाय पीएसपी पर खेलने...

पॉवर ऑफ 49

हाल ही में मुझे एक बहुत दिलचस्प कैंपेन का हिस्सा बनने का मौका मिला। कैंपेन का नाम है पॉवर ऑफ 49। हम में से बहुत कम लोगों का ध्यान इस तरफ जाता होगा कि इस देश में 49 फीसदी वोटर महिलाएं हैं। इसके बावजूद महिलाओं के लिए संसद में 33 फीसदी आरक्षण का बिल अब तक पास नहीं हो सका है। संसद तो वैसे बहुत दूर की बात है, किसी भी नेता के भाषण में महिलाओं के मुद्दे कितने सुनाई...

September 2014

Quit Tobacco

क्या आपने किसी ऐसे आदमी को देखा है जिसको बोलने के लिए मशीन का इस्तेमाल करना पड़ता हो, जिसके गले से आवाज़ अपने आप न निकल पाती हो, जिसको अपने गले से सांस लेनी पड़ती हो क्योंकि उसकी नाक ने काम करना बंद कर दिया हो ? …मैंने देखा है। मैं देवेंद्र से मिली, अपने शो ज़िंदगी लाइव में। देवेंद्र अपने गले में फिट एक मशीन के सहारे बोल तो रहे थे लेकिन जितनी मुश्किल उन्हें बोलने में हो रही...

June 2014

Why India voted for Modi

All of us have our likes, dislikes, favorites, friends, foes and fears…We tend to choose our politicians on the basis of their religion, caste, community and several other reasons. Very rarely, uptil now, development, or the lack of it, formed the main basis of our choice and our vote. These elections were different though. High voter turn outs despite the scorching heat, youth who was believed to have time only for fun, friends films etc, was seen queing at the...

April 2014

Suicide

2010 में विवेका नाम की एक मॉडल ने खुदकुशी की थी….उस वक्त मैंने एक लेख लिखा था । २ दिन पहले सुबह अचानक एक्ट्रेस जिया खान की खुदकुशी की खबर सुनी। दिल बैठ गया । बहुत दुख होता है एक खूबसूरत ज़िंदगी का यूं अंत होते देख। वजह कोई भी हो, क्या वो इतनी बड़ी हो सकती है कि एक इंसान जीने की ही तमन्ना छोड़ दे ? क्या हम इसे रोक नहीं सकते ? ३ साल पहले लिखा अपना...

June 2013

कैंसर का सामना करो

नीरजा जी को चेन्नई के लोग कीमो एंजिल के नाम से जानते हैं कीमो यानि कीमो थेरेपी और एंजिल यानि मसीहा। लेकिन कीमो थेरेपी तो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी में होती है तो कोई कीमो एंजिल कैसे हो सकता है..ज़िंदगी जीने का ढंग अगर नीरजा मलिक जैसा हो तो कैंसर जैसी बीमारी बहुत मामूली लगने लगती है। मुझे कभी नीरजा जी की कही वो बात नहीं भूलती- कैंसर से लड़ो मत. कैंसर का सामना करो। नीरजा जी को दो बार ब्रेस्ट...

नशा भी एक बीमारी

१ मैं शराब से तंग आ चुका था, न मुझसे छोड़ी जा रही थी न पी जा रही थी। २ सुबह ६ बजे मैं उठाती थी बोतल, सीधे मूंह में लगाती थी,इधर से आज़ान की आवाज़ और उधर से गुरबानी, और मैं वोडका की बोतल मूंह में लगाए खड़ी… ३ मेरी पत्नी को ऑपरेशन के लिए खून की ज़रूरत थी और मैं शराब और ड्रग्स ले रहा था… ये बातें मुझसे ज़िंदगी लाइव में ऐसे लोगों ने कहीं जिन्होंने शराब या ड्रग्स...

क्या माता पिता फेल हो रहे हैं ?

आज मैं आप सबका ध्यान एक बहुत गंभीर समस्या की तरफ खींचना चाहती हूं। और वो समस्या है हमारे बच्चों की ज़िंदगी से जुड़ी। आए दिन हम लोग अखबारों में या अपने शहर, गांवों, कस्बों में छोटी उम्र के बच्चों और युवाओं की खुदकुशी की खबरें पढ़ते रहते हैं या सुनते रहते हैं। बहुत दुख होता है न ऐसी खबरें जान कर ? ऐसा लगता है कि जिस बच्चे के सामने सारी उम्र पड़ी थी, एक अच्छी ज़िंदगी हो...

May 2013

My Wisdom

On this day….let me not be just older by a year..let me be evolved,enlightened for the lifetime..let me not be richer only by money..let me be richer in knowledge and wisdom.. let me not be happy only for myself..let me bring happiness to the lives of everyone around me..let me seek peace not only for myself..but peace in the world….Let me not only celebrate this day with those we call our own..but also with the trees,the flowers and the birds…....

इत्तेफाक

इस साल इत्तेफाक से मैं बहुत सफर कर रही हूं। और उनमें से ज़्यादातर सफर ट्रेन से हो रहे हैं। देश के किसी भी शहर या कस्बे में चले जाइए , रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म, टॉयलेट्स की हालत देख कर अफसोस ही होता है। देश की राजधानी दिल्ली ही क्यों न हो, वहां भी, न किसी को साफ सफाई की फिक्र है न व्यवस्थाओं की बदहाली की। और छोटे शहरों की तो बात ही छोड़ दीजिए। जहां नज़र दौड़ाएंगे, कचड़े...

अदालत का एक और फैसला..

८४ के दंगों से जुड़ा अदालत का एक और फैसला..जगदीश टायटलर के खिलाफ केस फिर खोला जाए। एक बार फिर उन दंगों का जिन्न जिंदा हो गया। हर तरफ, अखबार, टीवी, ट्विटर, फेसबुक पर एक ही बात- क्या हुआ था १९८४ के उन ४ दिनों में । किस तरह बर्बरता का खेल खेला गया था । हज़ारों लोग मौत के घाट उतार दिए गए थे। कितने ही खानदान तबाह हो गए । लोगों को ज़िंदा जलाया गया, बलात्कार हुए, बच्चों...

टीवी कार्यक्रमों की बात

टीवी कार्यक्रमों की बात छिड़े तो अपने बचपन के दिनों के कई प्रोग्राम याद आते हैं । रामायण महाभारत तो खैर इतने लोकप्रिय थे कि उन्हें आजीवन भूलना ही नामुमकिन है। इन दोनों धारावाहिकों के प्रति लोगों का क्रेज़ मुझे आज भी याद है। संडे की सुबह तो और कोई काम होता ही नहीं था। बाकि सारे प्लान इनके हिसाब से बनाए जाते थे। मसलन लोगों को ये कहते सुनना आम था- चलिए फिर संडे को रामायण के बाद मिलते...

कुछ दिन पहले

कुछ दिन पहले मैं भोपाल गई थी अपनी बुआ की बेटी की शादी में। शादी हो और मेंहदी लगाने वाली न आएं, ये कैसे मुमकिन है भला..तो वहां भी दो महिलाएं आईं जो पूरे दिन बैठ कर हर लड़की-महिला के हाथ में मेंहदी लगाती रहीं। वैसे मुझे ऐसे सारे लोगों से बेहद जलन होती है जो एक ही जगह बैठ कर घंटों एक ही काम बड़े सब्र से कर लेते हैं। मुझसे ये बिलकुल नहीं होता । इसलिए जब कोई...

१४ साल की लड़की की सोच

मुझे परिवार के साथ साफ सुथरी फिल्में देखना बहुत पसंद है। इस मदर्स डे पर सोचा कि क्यों न सब के साथ गिप्पी देखी जाए। कुछ दोस्तों से सुना था और ट्विटर, फेसबुक पर पढ़ा था कि फिल्म अच्छी है। तो सोचा मदर्स डे पर मां और बिटिया, दोनों के लिए इससे बेहतर तोहफा क्या होगा। और फिल्म देखने के बाद मुझे अपने फैसले पर वाकई खुशी हुई। फिल्म में एक १४ साल की लड़की की सोच, समझ, कशमकश को...

रात

मेरे ‘रिलीवर’ के आते ही खत्म हुई मेरी ‘नाइट शिफ्ट’….आज भी अंधकार के छाते के नीचे दुनिया को देखा….दुनिया के कुछ लालटेनों बल्ब्स और ट्यूबलाइट्स को देखा….. बनारस का जगिया बुनकर गंगा मैया को अपने दुखड़े सुना रहा था… और उसकी बुनी साड़ी पहन हिरोइन का जलवा मुंबई के रैंप पर बिखर रहा था…. दतिया की रिम्पी बोर्ड की तैयारी में रात भर किताबों मे आंखें गढाए रही तो दिल्ली में उसके भाई की नज़रें डिस्क में थिरकती बालाओं से न...

गुरुजी यहीं हैं……

करीबन 2 महीने हो गए ‘गुरुजी’ को गए हुए। मैंने उनसे सितार तो नहीं सीखा लेकिन पंडित रविशंकर को मैं और उनके कुछ और करीबी लोग गुरुजी ही बुलाते थे, हैं, और रहेंगे।मेरे लिए ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी के जाने के बाद भी मैं अब तक उनकी उपस्थिति को महसूस कर पा रही हूं। 2001 से मैं उनको जानती हूं और पिछले 12 साल में न जाने कितनी बार उनके हाथ को पकड़कर उनके साथ-साथ चली...

सिर्फ विवेका….?

एक और मॉडल की खुदकुशी…एक खूबसूरत औरत की मौत…एक सिलेब्रिटी की मौत…ग्लैमर की दुनिया से जुड़े लोगों की मौत भी सुर्खियों में रहती है। बहुत कुछ होता है कहने सुनने को। मीडिया के लिए ढेर सारा मसाला भी। खुदकुशी की वजहों पर जमकर चर्चा होती है।मॉडल के दोस्त, तमाम पेज 3 चेहरे कुछ न कुछ कहने सामने आ जाते हैं जिन लोगों से शायद कई साल में उसकी बातचीत भी नहीं हुई होगी वो भी अचानक उसके करीबी बन...

यही तो है सच्चा प्यार….

वो चल फिर नहीं सकती, न जाने कितनी बीमारियां हैं उसको। जिंदगी भी बस कुछ ही दिनों की होगी उसके पास, अगर जल्द ही कोई चमत्कार न हुआ तो। लेकिन उसके पास एक ऐसी चीज है जिसके लिए शायद हर कोई सारी उम्र तरसता है। उसके पास सच्चा प्यार है। मैं बात कर रही हूं निवेदिता और उसके पति पंकज की। जब पंकज ने निवेदिता को पहली बार देखा था तभी उससे प्यार कर बैठा था। निवेदिता उस वक्त भी ठीक...

सर्दी की नर्म धूप और….

अपने एयर कंडीशन्ड ऑफिस की कांच की बंद खिड़की से आज झांक कर बाहर देखा..तो अचानक दिल बैठ सा गया। एक पल के लिए अपना सारा बचपन आंखो के सामने घूम गया। खिड़की से देखा आज सर्दी की नर्म धूप खिली हुई है जिसे देख तो पा रही हूं…महसूस नहीं कर सकती। इस धूप ने सालों पहले के रिश्तो की गर्माहट याद दिला दी। एक छोटा सा शहर झांसी…झांसी में एक छोटी सी कॉलोनी में एक छोटा सा घर था...

नया सफर नई उम्मीदें

‘जिंदगी लाइव’ का दूसरा सीज़न शुरू हो रहा है। पिछले एक साल में ये शो एक शो न रहकर हम सबकी ज़िंदगी का एक हिस्सा बन गया। अगर मैं ये कहूं कि ‘ज़िंदगी लाइव’ की वजह से हमने एक साल में जितना देखा, सुना, समझा और सीखा उतना अब तक की हम सबकी जिंदगी में नहीं हुआ था तो ये कतई अतिश्योक्ति नहीं होगी। पढ़ें: यही तो है सच्चा प्यार… मैंने अपने एपिसोड प्रोड्यूसर्स को अपने एपिसोड से जुड़े लोगों के लिए...

ज़िंदगी लाइव अवॉर्ड्स

इस बार पिछले हफ्ते की ही बात को आगे बढ़ा रही हूं। कुछ ऐसी महिलाओं की बात जो अपनी ज़िंदगी जीने के ढंग से दूसरी महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम करती हैं । ज़रूरी नहीं कि ये महिलाएं कोई बहुत बड़ा काम कर रही हों लेकिन उन्होंने जो भी किया उससे अपनी हिम्मत का परिचय दिया। फैसला चाहे छोटा रहा या बड़ा, उसने दुनिया को चौंका दिया और इन महिलाओं के प्रति सम्मान को कई गुना बढ़ा दिया।...

क्या मैं तुम्हारा अंश नहीं…

पापा…. क्या मैं तुम्हारा अंश नहीं… फिर क्यों तुमको मुझसे प्यार नहीं….. क्या मैं तुम्हारी प्रार्थना नहीं फिर क्यों मैं तुमको स्वीकार नहीं…. क्यों तुम मुझे मारना चाहते हो.. क्या मैं इस जीवन की हक़दार नहीं… क्या लड़की होना मेरा गुनाह है…. इसलिए तुम्हें मेरा इंतजार नहीं…. क्या हो जाता अगर मैं इस दुनिया में रखती कदम…. क्या मुझसे रंगीन होता तुम्हारा संसार नहीं… मेरा दिल भी धड़कता है तुम्हारे लिए…. मैं भी जीना चाहती हूं पापा, सांस लेना चाहती हूं मैं भी खेलना चाहती हूं तुम्हारी गोद में…. मैं आना चाहती हूं...

हिंदोस्तां का दिल देखा हिंदोस्तां का दिल देखा……

बड़ा फख्र महसूस करती थी मैं जब भी टेलिविज़न पर मध्य प्रदेश का ये विज्ञापन देखा करती थी। बुंदेलखंडी हूं, जन्म मध्य प्रदेश के रीवा में हुआ। दतिया मेरा ननिहाल है। सारे रिश्ते नाते, बचपन की खट्टी मीठी यादें मध्य प्रदेश से ही जुड़ी हुई हैं।गर्मियों की छुट्टियां शुरू हुई नहीं कि हमारा मध्य प्रदेश भ्रमण शुरू हो जाता। लेकिन आज मैं आप सबको ये सारी बातें क्यों बता रही हूं ? क्योंकि आज मुझे हिंदुस्तान के इस दिल...

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

8 मार्च को हम हर साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाते हैं..क्या आप जानते हैं कि 1913 में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया गया था। यानि कि 2013 में महिला दिवस 100 साल पूरे कर रहा है… हालांकि मैं किसी भी जश्न को एक दिन में बांधने में यकीन नहीं करती..मुझे नहीं लगता कि प्यार के इज़हार के लिए 14 फरवरी ही सही दिन है, या फिर मां से मिलने के लिए एक मदर्स डे के बहाने के...

ज़िंदगी लाइव अवॉर्ड्स

इस बार पिछले हफ्ते की ही बात को आगे बढ़ा रही हूं। कुछ ऐसी महिलाओं की बात जो अपनी ज़िंदगी जीने के ढंग से दूसरी महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम करती हैं । ज़रूरी नहीं कि ये महिलाएं कोई बहुत बड़ा काम कर रही हों लेकिन उन्होंने जो भी किया उससे अपनी हिम्मत का परिचय दिया। फैसला चाहे छोटा रहा या बड़ा, उसने दुनिया को चौंका दिया और इन महिलाओं के प्रति सम्मान को कई गुना बढ़ा दिया।...

January 2013

काश हम भी ऐसे होते

शायद मैंने आपको पहले भी बताया था कि मैं पिछले साल ३ महीनों के लिए लंदन गई थी एक स्कॉलरशिप पर। दूसरे देशों में जाना, घूमना, रहना,वहां के लोगों से मिलना जुलना कई मायनों में आपकी सोच को बदलता है, विकसित करता है। हर वक्त आप अपने देश की तुलना उस देश से करते है, अपने लोगों के व्यवहार की तुलना वहां के लोगों से करते हैं। लंदन रहते हुए मैंने योरोप के कुछ दूसरे देश भी घूमे।कुछ खास अनुभव हुए...

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